Monday, April 13, 2015

असेच काहीसे ५ (हिंदी बुडबुडे)

हम, वो और महफिल...

होश खोने के लिए पीते है हम आजकल....
वरना मय खानो में रात गुजारनेवालो में से हम नहीं थे....

आपने तो हमारी सदाए अनसुनी कर दी...
वरना भरी महफ़िल में इज़हारे इश्क़ करनेवालो में से हम नहीं थे....