Wednesday, November 12, 2014

असेच काहीसे ४ - (हिंदी बुडबुडे)...

गमो के पर्बोतोंके परे अभी भी जिंदगी बाकी है...
कैसे दूर करे आपको हमसे...अभी भी हंम में थोड़ी आशिकी बाकी है... 

क्या करे अब तो आदत सी हो गयी है...
आपसे चाहत कम और इबादत जादा हो गयी है...

जिंदगी गुजर गयी आप की पहलू में मगर अब भी थोड़ी बाकी है
पिता हूँ सिर्फ इसीलिए,  क्योंकि आप हमारी साकी है...

- सुहास, पुणे

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